बिहार चुनाव 2025 – निर्णायक दौर में राजनीतिक जंग
लेखक: Trend Samachar टीम | प्रकाशित: 10 नवम्बर 2025
बिहार चुनाव 2025 अब अपने निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है। 6 और 11 नवम्बर को दो चरणों में मतदान संपन्न होना है। कुल 243 सीटों पर इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस चुनाव का असर सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत की राजनीति पर पड़ेगा। Hindustan Times के अनुसार मतगणना 14 नवम्बर को होगी।
1️⃣ मतदाता सूची और विवाद
चुनाव से पहले मतदाता सूची में भारी संशोधन हुआ। लगभग 65 लाख नाम हटाए या बदले गए, जिससे विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह जनादेश को प्रभावित कर सकता है। IndiaTimes के मुताबिक, चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया मृतक व स्थानांतरित मतदाताओं को हटाने के लिए की गई है।
2️⃣ पहला चरण – रिकॉर्ड मतदान
पहले चरण में करीब 65% मतदान दर्ज किया गया, जो पिछले चुनावों से अधिक है। India Today के मुताबिक यह बदलाव युवा और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का परिणाम है। यह उत्साह सत्ता-विरोधी रुझान का संकेत भी हो सकता है।
3️⃣ गठबंधन की रणनीति
बिहार में मुख्य टक्कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन (RJD–Congress–Left) के बीच है। वहीं तीसरा मोर्चा ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) भी मैदान में है, जिसने लगभग 60 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। Wikipedia के अनुसार, यह गठबंधन पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यक वोटों पर फोकस कर रहा है।
4️⃣ प्रमुख मुद्दे – बेरोजगारी और विकास
बेरोजगारी बिहार चुनाव का मुख्य मुद्दा है। युवाओं के पलायन, शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य ढांचे को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार पर तीखे हमले किए हैं। वहीं NDA ने हर घर रोजगार, महिला सुरक्षा और आधारभूत संरचना को केंद्र में रखकर प्रचार अभियान चलाया है।
5️⃣ चुनाव आयोग की तैयारियाँ
निर्वाचन आयोग ने इस बार प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1,200 मतदाता की सीमा तय की है। इसके तहत 12,800 नए बूथ बनाए गए हैं और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। Times of India के मुताबिक, इससे मतदाताओं को लंबी कतारों से राहत मिलेगी।
6️⃣ दूसरा चरण और माहौल
दूसरे चरण के मतदान में सीमांचल, मिथिलांचल और मगध के इलाके अहम होंगे। यहां जातीय समीकरण और अल्पसंख्यक वोट परिणाम तय करेंगे। चुनावी रैलियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जनता अब मुद्दों के साथ-साथ उम्मीदवारों के व्यवहार और विश्वसनीयता पर भी ध्यान दे रही है।
7️⃣ संभावित परिदृश्य और सट्टा बाजार की राय
OneIndia की रिपोर्ट के अनुसार, सट्टा बाजार NDA को मामूली बढ़त दे रहा है — अनुमान 128 से 134 सीटों का लगाया जा रहा है। हालांकि विपक्ष का दावा है कि जनता बदलाव चाहती है और नतीजे चौकाने वाले होंगे।
8️⃣ प्रमुख चेहरे और जनभावना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, और उपेंद्र कुशवाहा जैसे चेहरे केंद्र में हैं। जनभावना इस बार नेतृत्व की पारदर्शिता और युवाओं के लिए अवसरों पर टिकी हुई है। मतदाता अब जाति से अधिक विकास और भरोसे को प्राथमिकता दे रहे हैं।
9️⃣ निष्कर्ष – जनादेश किस ओर?
बिहार चुनाव 2025 सिर्फ एक राजनीतिक परीक्षा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की दिशा तय करने वाला जनादेश है। बढ़ती वोटिंग दर, युवाओं की सक्रियता और महिलाओं की भागीदारी ने इसे ऐतिहासिक बना दिया है। चाहे परिणाम किसी के पक्ष में जाए, यह साफ है कि बिहार का मतदाता अब परिवर्तन की ओर अग्रसर है।
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